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Showing posts from June, 2020

गुमसुम । रोहित कुमार

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महकता,महकता सा रहता था मैं फिर.. भटकता भटकता सा रहता हूं मैं आज फिर.. गुम हो गया शायद जो कल था फिर.. में पाना चाहू दोबारा उसे आज फिर.. आएगा वो लम्हा मेरे पास वो फिर.. जाना चाहूं कल था जहाँ मैं आज फिर.. हुआ आज बेचारा-सा दोबारा मैं फिर.. संभालो मुझे आकर मेरे पास आज फिर.. मैं फिर था. . में फिरे हूँ . न रहूँगा मै फिर.. तुम आना हां मिलने मुझसे आज फिर..

When you're in the Air | Your Anonymous

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By the very first moment, till I connect with the frequency of her Existence, I'm feeling that I knew her from the early stages of my life. Everytime I think of her, I got access to that universal sacred energy which is known as the Key of Joy. In her lapse, I'm falling in Serenity.  Let me get lost in you My Love. 

अब दिल नहीं कहता | वर्षा धामा

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अब दिल नही कहता कि मैं उसके पास जाऊं, मन करता है ये ज़िंदगी बिन उसके जिये जाऊं, वो लौटकर न आये मेरे पास अब कभी भी, कहीं ऐसा न हो कि उसके आने से मैं कमजोर पड़ जाऊं, मौहब्बत उससे कि थी मैंने हद से ज्यादा, समझ नही आता कि वो बेवफा है ये बात मैं कैसे खुद को समझाऊं, रहता था वो ही हर पल "वर्षा" के दिल और दिमाग में, मगर अब खामोश इतनी हूँ कि उसका नाम लिए बिन ही मर जाऊं......

कोई मेरी ज़िन्दगी में प्रवेश करना चाहता है। | अमन कुमार ए० ई०

वो एक एक बूंद मुझे एहसास कराती रही कोई है जो कुछ कहना चाहता है मेरे संग पल दो पल रहना चाहता है चाहता है चाहना मुझको यूं ही बिन बतलाए बिन छुपाए यूं ही एक मनमोहक अंदाज में बातों को करते रहना चाहता है इन वर्षा की बूंदों की तरह  हर घड़ी हर मौसम अपना स्वभाव बदलकर मेरे जीवन में प्रवेश करना चाहता है चाहता है मुझको हंसाना रुलाना कुछ सीख सिखलाना जो गम हृदय में संजोए है कई सभ्यताओं से आज उनको बतलाना चाहता है कोई मेरी ज़िन्दगी में प्रवेश करना चाहता है @Aman Kumar AE

When you fall in Love | (One Million Provoking Thoughts by Your Anonymous)

A smile has no language or tone. It's the mutest and cutest conversation. I was smiling on the intelligence of people. They keep working whole life for happiness and I opened a big box of happiness just by falling in love. I was laughing on people around me and smiling to align with her smile. Aakhir we have to prepare atleast one photo to decorate our drawing room with same smile. After realising myself engaged in one side love, I become in the air. Number of daily statuses on whatsapp increased rapidly. I adopt loud happiness and silent pain. My besties become my love guru in this first journey of mine.  Friend : Pahli baat to Use jaano Me : Okay let me try.... Friend : I mean use kis baat pr gussa aata hai. Ap use handle kar skte ho ya nahi. Me : Mujhe sab pata hai almost Friend : Firrst be the vest friend of her. Then be a Lover. Me : I'm same... Right now Friend : Support her in any conditions.. Especially when she is in distressed Me : ...

This is My Life by me | (One Million Provoking Thoughts by Anonymous)

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Before moving your eyes to any other line of this diary, remember this is my personal diary. Don't fall in trouble by ignoring any information Mentioned here. Writing this in your devotion with love if you can hear me Dear Cianzero - Your Anonymous It was at the time of June (27th). When the lockdown was about to open, something strange was going on with real me. I was dissolved somewhere between me and real me. I was having a hard time in terms of my mental health and stress. I was spending my whole day in regretting on small things cuz I'm emotionally weak. But the thing that was creating this problem a big pandemic was I fall in love with one girl. She becomes the answer to every problem of mine. One fine day while I was lost amidst the fear of loving someone and loosing him/her, one of my curious friends asked, " Pyar aur Maybe ek sath toh nahi aate na? Ya toh haan ya naa." Knowing and acknowledging the million thoughts and feelings running in my veins...

मैं और वो.... Varsha Dhama (EE Writer)

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मैं सावन की बदली जैसी, वो ठंडी हवा का झोंका है, मैं गम में भी मुस्कुरा देती हूँ, और वो मजाक में भी गुस्सा होता है, मैं फूलो की कलियों जैसी, वो आवारा कोई भंवरा है, मैं चांद की तरह शीतल हूँ, और वो सूरज की तरह तपता है, मैं ठहरी हुई तक़दीर कोई, और वो ज़िन्दगी में मिला एक मौका है।

#अनलॉक 1.0 से कोरोना भी पस्त (व्यंग)

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#अनलॉक 1.0 से कोरोना भी पस्त (व्यंग) - मनकेश्वर महाराज "भट्ट"   रामपुर डेहरू , मधेपुरा , बिहार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन और घरेलू कारावास से लंबे अंतराल के बाद आखिरकार अनलॉक 1.0 के द्वारा छुटकारा मिल ही गया।वायरस से ना केेेवल बच्चे बल्कि बूढ़े भी परेशान थे , वही इस वायरस ने युवाओं के तो मानो पंख ही काट गए थे। कई नियमों की बंदिश होने केे बाद भी पुलिस के डंडे , सहना बहुत कष्टपूर्ण था।जो युवा अपने वोट से आनेवाले सरकार की नींव रखते थे , उसे डंडे के डर से घर मे रहने को विवश करना , ऐसा आभास करा रहा था की सरकार को अगले चुनाव नहीं जितने। वही डंडेधारियों का  हाल तो सरपट खराब था धूप में ड्यूटी , और यदि ढिलाई हुई तो संक्रमण का खतरा साथ ही सरकार की ए० सी० युक्त भाषण - "अगर संक्रमण बढ़ा तो स्थानीय प्रशासन होंगे जिम्मेदार"! इससे भी ज्यादा सरकार की हवाई बातें तो आम जनता को हवा दे रही थी जैसे घर में फ़ंखा भी ना हो और मजा ए० सी० का आ रहा हो। आम जनता को केवल हर दिन सरकार की घोषणाएं ही सुनाई दे रही थी ,, तो वहीं... दूसरी और कोरोना का दंश , जो रात की नींद हराम कर रही थी। सरकार की र...