कोरोना गजल - ज़िया बागपति शायर | Enlivening Emotions
ये छुवा छूत की बीमारी है इसकी चैन को तोड़ो तुम
इससे उससे मिलना-जुलना कुछ दिन यारों छोड़ो तुम
डाक्टरों ने जो बतलाया उन बातों का ध्यान करो
जो भी है क़ानून नियम उन सब का तुम सम्मान करो
घर से बाहर निकलोगे तो बीमारी ये फैलेगी
एक ज़रासी लापरवाही जान तुम्हारी ले लेगी
घर में रह कर करो इबादत घर में पूजा पाठ करो
रब की मर्ज़ी यही है अब तो घर में रह कर ठाठ करो
कोरोना की इस आफत से या रब छुटकारा दे दे
हम से जो तूने छीना वह इक इक पल प्यारा दे दे।
ज़िया बागपति शायर
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