शुक्रिया... | वर्षा धामा कवियित्री बागपत

शुक्रिया मेरी ज़िन्दगी में आने के लिए,
मुझे बेइंतहा चाहने के लिए,
जो देखे थे कभी ख्वाब मैंने,
शुक्रिया,मेरे उन ख्वाबो को सच बनाने के लिए,
कभी सोचा न था कि किस्मत इतनी अच्छी होगी मेरी,
शुक्रिया,मेरे जीवन को अनमोल बनाने के लिए,
होगा न कोई दुनिया में तुम जैसा,
शुक्रिया,मेरे होंठो पर मुस्कान सजाने के लिए,
तुमने बदल दिया है मेरी ज़िन्दगी को कुछ ही वक़्त में,
शुक्रिया, मुझे अपने दिल में बसाने के लिए,
इन चंद लफ़्ज़ों में न बयां कर पाऊँगी अपनी खुशी,
उम्र भर चाहने का वादा करते हुए कहती हूँ,
हर जीवन में तुम्हे ही पाना चाहूंगी,
करना प्यार मुझसे हमेशा यूं ही,
तुम बिन न मैं एक पल भी जी पाऊँगी......

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